भाग्य की रेखा
शिवानी जैन एडवोकेटbyss
भाग्य की रेखा, कहती है कुछ अनकही बातें,
कभी देती है उम्मीदें, कभी लाती है सौगातें।
पर ये तो है बस नक्शा, मंज़िल तो दूर है,
चलना पड़ेगा पथ पर, मिटाना हर क्रूर है।
कुछ लोग इसे मान लेते हैं अपनी तकदीर,
बैठ जाते हैं किस्मत के भरोसे, खो देते हैं वीर।
पर सच तो ये है, हर पल बदलती है ये रेखा,
जैसे पानी की धारा, न रहती है वो एका।
अपने हाथों से गढ़ तू अपनी नई कहानी,
भाग्य की रेखा भी बदलेगी, होगी तेरी ही रवानी।
कर्म ही है कुंजी, जो खोले हर ताला,
मत देख तू रेखाओं में, अपना उजाला।
उठ और कर प्रयास, बदल दे ये लिखावट,
भाग्य की रेखा भी गाएगी, तेरी ही आहट।


The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra
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