सपनों की राहों में
उड़ती रहे ज़िंदगी ,
उड़ती रहे ज़िंदगी,
चलती रहे ज़िंदगी ।
सपनों को जिसने समझा है,
उसने ही मंज़िल पाई है,
सपनों को जिसने माना मंज़िल,
उसने ही ज़िंदगी पाई है ।
सपनों की राहों में
उड़ती रहे ज़िंदगी ,
उड़ती रहे ज़िंदगी,
चलती रहे ज़िंदगी ।
सपनों को सीखो
सच करना तुम
हो जायेगी मुश्किल आसान ,
हो जायेगी मुश्किल आसान ,
सपने हक़ीक़त में बदल जायेंगे ।
सपनों की राहों में
उड़ती रहे ज़िंदगी ,
उड़ती रहे ज़िंदगी,
चलती रहे ज़िंदगी ।
सपना अपनी मंज़िल है ,
सपना अपनी ज़िंदगी है ।
सपना ही अपनी आस है,
सपना ही अपनी चाह है ।
सपनों की राहों में
उड़ती रहे ज़िंदगी,
उड़ती रहे ज़िंदगी,
चलती रहे ज़िंदगी।
----रीना कुमारी प्रजापत