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The Flower of WordThe Flower of Word by Vedvyas Mishra The Flower of WordThe novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

        

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The Flower of Word by Vedvyas MishraThe Flower of Word by Vedvyas Mishra
Dastan-E-Shayara By Reena Kumari Prajapat

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The novel 'Nevla' (The Mongoose), written by Vedvyas Mishra, presents a fierce character—Mangus Mama (Uncle Mongoose)—to highlight that the root cause of crime lies in the lack of willpower to properly uphold moral, judicial, and political systems...The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

                    

अफ़सर बनी तो तकलीफ़ क्यों?

देवताओं की सभा लगी थी,
भगवान खुद पशेमान,
“अफसर बना दी लड़की,
अब सुन रहा हूँ उलाहनाएँ!”

इंद्र ने हँसकर ताना मारा—
“देख लिया प्रभु, कैसा हाल?”
“पुरुषों के भाल से सत्ता हटी,
तो मच गया बवाल!”

नारद बोले—
“नारायण-नारायण,
ये क्या कर दिया भगवान?
जो पहले पूजा की मूर्ति थी,
अब बन गई कलेक्टर दीवान!”

भगवान बोले—
“मेरा दोष नहीं,
ये लोग नहीं तैयार थे,
लड़की को अफसर बनते देख,
बस जलन के अंगार थे!”

धरती से कुछ पुरुष बोले—
“अब अफसर मैडम से डर लगता है!”
“पहले हँसती थी, अब डाँटती है,
अब ऑफिस जाना खटकता है!”

किसी ने कहा—
“हमेशा ताने देती है!”
तो किसी ने कहा—
“हर बात पे रोक लगाती है!”
भगवान बोले—
“अजी! पहले जब पुरुष रोकते थे,
तो यह बात क्यों न सताती थी?”

“अरे भगवान, सफल लड़की,
सबसे सँभलती नहीं!”
“घर में बहू-बेटी चाहिए,
पर दफ़्तर में अफसर चलती नहीं!”

भगवान हँसे और बोले—
“दिक्कत अफसर से नहीं,
दिक्कत लड़की के अफसर बनने से है!”
“समस्या सफलता से नहीं,
बल्कि लड़की के सफल होने से है!”

जो कल तक सहमी-सकुचाई थी,
अब कुर्सी पर राज कर रही,
अब फैसले ले रही,
तो दुनिया क्यों नाराज कर रही?

उधर लड़की ने भी ठान लिया,
“अब जो भी कहना हो, कह लो,
भगवान ने ‘गलती’ नहीं की,
अब जो होना है, वो सही ही होगा!”




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रचना के बारे में पाठकों की समीक्षाएं (1)

+

Lekhram Yadav said

......और.... आगे भी सही करते रहना और जमाने की सोच को बदलने के लिए नया करते रहना, आपको सादर नमस्कार

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