प्रेम कहानी
मैं जब भी उसे देखती हूँ खुश हो जाती हूँ
जब किसी और के साथ देखती हूँ तो मायूस हो जाती हूँ
और फिर लिखती हूँ उसके बारे....
ये समाज न होता तेरे मेरे बीच
मैं हर हाल में तुझको पा जाती
ये सवाल न होता क्यों हैं तू उसके पास
कसम से मैं तुझको नूरों से ज्यादा चाहती
ये दुनिया के लोग न होते
बस तुम और मैं होते
एक छोटे से घर को मिल के जन्नत बना जाती
एक अपनी दुनिया बनाती और
उसमें तेरी मेरी प्रेम कहानी का
मिशाल बना जाती....।।
- सुप्रिया साहू