New रचनाकारों के अनुरोध पर डुप्लीकेट रचना को हटाने के लिए डैशबोर्ड में अनपब्लिश एवं पब्लिश बटन के साथ साथ रचना में त्रुटि सुधार करने के लिए रचना को एडिट करने का फीचर जोड़ा गया है|
पटल में सुधार सम्बंधित आपके विचार सादर आमंत्रित हैं, आपके विचार पटल को सहजता पूर्ण उपयोगिता में सार्थक होते हैं|

Show your love with any amount — Keep Likhantu.com free, ad-free, and community-driven.

Show your love with any amount — Keep Likhantu.com free, ad-free, and community-driven.



The Flower of WordThe Flower of Word by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

        

New रचनाकारों के अनुरोध पर डुप्लीकेट रचना को हटाने के लिए डैशबोर्ड में अनपब्लिश एवं पब्लिश बटन के साथ साथ रचना में त्रुटि सुधार करने के लिए रचना को एडिट करने का फीचर जोड़ा गया है|
पटल में सुधार सम्बंधित आपके विचार सादर आमंत्रित हैं, आपके विचार पटल को सहजता पूर्ण उपयोगिता में सार्थक होते हैं|

The Flower of Word by Vedvyas MishraThe Flower of Word by Vedvyas Mishra
Show your love with any amount — Keep Likhantu.com free, ad-free, and community-driven.

Show your love with any amount — Keep Likhantu.com free, ad-free, and community-driven.

Dastan-E-Shayra By Reena Kumari PrajapatDastan-E-Shayra By Reena Kumari Prajapat

कविता की खुँटी

                    

उङता हूं मैं

नील गगन में उडता हूं मैं
अब सपने लिए हजार
संग-संग मेरे आ जाओ
और कर लो दरिया पार
- लेखराम यादव


यह रचना, रचनाकार के
सर्वाधिकार अधीन है


समीक्षा छोड़ने के लिए कृपया पहले रजिस्टर या लॉगिन करें

रचना के बारे में पाठकों की समीक्षाएं (4)

+

डॉ कृतिका सिंह said

Avashya 🙏

Lekhram Yadav replied

अच्छा लगा यह जान कर कि आप भी काल्पनिक सपनों की उडान भरने हैं। अब इस राह में उडने वालों का जल्द ही एक कारवां बन जाएगा। धन्यवाद मैम।

रीना कुमारी प्रजापत said

ज़रूर भय्या.... बहुत खुब

Lekhram Yadav replied

अरी ओ बहना आपका हार्दिक स्वागत और धन्यवाद जो मेरा हैंसला बढ़या। मैं तो सातवें आसमान पर उङ ही रहा हूं मगर मैं उतनी उङान नहीं भर पा रहा हूं जितनी ऊंची उङान आप भर रही हैं। कुछ तो मार्ग दर्शन करो। वैसे 'अरे ओ हरिया' वाला 'हरिया' आपको हर जगह ढ़ूँढ़ रहा है, सम्भल कर रहना।

Bhushan Saahu said

Bahut khub..

Lekhram Yadav replied

थैंक्स भूषण साहू जी।

अशोक कुमार पचौरी 'आर्द्र' said

Yadav Sir Akele Akele?

Lekhram Yadav replied

धन्यवाद सहित स्वागत सर। अकेला कहां हूं सर आज तो रीना प्रजापत भी मेरे साथ हैं। जब से गब्बर के आदमी पीछे पङे हैं मैं भी आप दोनों के साथ ही चल रहा हूं।

कविताएं - शायरी - ग़ज़ल श्रेणी में अन्य रचनाऐं




लिखन्तु डॉट कॉम देगा आपको और आपकी रचनाओं को एक नया मुकाम - आप कविता, ग़ज़ल, शायरी, श्लोक, संस्कृत गीत, वास्तविक कहानियां, काल्पनिक कहानियां, कॉमिक्स, हाइकू कविता इत्यादि को हिंदी, संस्कृत, बांग्ला, उर्दू, इंग्लिश, सिंधी या अन्य किसी भाषा में भी likhantuofficial@gmail.com पर भेज सकते हैं।


लिखते रहिये, पढ़ते रहिये - लिखन्तु डॉट कॉम


© 2017 - 2025 लिखन्तु डॉट कॉम
Designed, Developed, Maintained & Powered By HTTPS://LETSWRITE.IN
Verified by:
Verified by Scam Adviser
   
Support Our Investors ABOUT US Feedback & Business रचना भेजें रजिस्टर लॉगिन