(कविता) (समाज)
कोई समाज में भिन्न है.
कोई समाज में अभिन्न है
कोई समाज में रक्षक है
कोई समाज में भक्षक है
कोई समाज में अमीर है
कोई समाज में फ़कीर है
कोई समाज में सुखी है
कोई समाज में दुखी है
कोई समाज में सफल है
कोई समाज में विफल है
किसी की अच्छी चाल है
किसी का बुरा हाल है
समाज बड़ा अजीब है
सब का अलग नसीव है
गजब का हमारा समाज है
इस पर हमें नाज़ है
इस पर हमें नाज़ है......