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The Flower of WordThe Flower of Word by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

        

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Dastan-E-Shayra By Reena Kumari PrajapatDastan-E-Shayra By Reena Kumari Prajapat

कविता की खुँटी

                    

दिया तले अंधेरा - कमलकांत घिरी

दिया तले अंधेरा तो सुना ही होगा,
इस बार की दिवाली में भी कुछ ऐसा ही हुआ होगा,
कई घरों की रौनकें तो थी ही चकाचौंध करने वाली,
मगर कुछ घरों में ये दिवाली बेनूर ही रहा होगा,
हां बटीं होंगी मिठाइयां कितने ही घरों में,
हुई होगी आतिशबाज़ियां कइयों के आसमान में,
मगर इस बार भी कुछ आसमान सुना ही रहा होगा,
कई मांओं की आंखों में तो रही ही होगी चमक खुशियों की,
मगर  निराशा से निहारते आसमां को बच्चे जिनके!
कुछ मायें ऐसी भी रही होंगी,
मगर हां मां को इतनी तो तसल्ली रही ही होगी,
कि अगली बार फिर आयेगी दिवाली,
तब बच्चों के एक हाथ में होंगी फुलझडियाँ और दूजे में होगी मिठाई की थाली,
तब अपने भी आंगन में दीप जलेंगे,
अपनी भी खुशियों के मेले लगेंगे,
अपने भी आंगन में बिखरेंगे रंग हजार,
फिर आएगा जब ये दीपावली का त्यौहार,
ये सोचकर तसल्ली तो दिल को मिल ही जाएगी,
हां दिवाली के नाम पर इनके भी आंगन में एक दीपक तो जल ही जाएगी,
मगर इस वैभवशाली देश में दिवाली के जैसे दिवाली इन गरीबों के घर में आखिर कब आएगी..?

---कमलकांत घिरी.✍️




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रचना के बारे में पाठकों की समीक्षाएं (5)

+

वन्दना सूद said

बहुत सही लिखा 👏👏

कमलकांत घिरी replied

शुक्रिया मैम आपका 🙏

रीना कुमारी प्रजापत said

मार्मिक सत्य , बहुत ही सुंदर लिखा

कमलकांत घिरी replied

रचना पसंद करने के लिए बहुत बहुत शुक्रिया दीदी जी 🙏

Updesh Kumar Shakyawar said

Beautiful....दिया तले अंधेरा तो सुना ही होगा,

कमलकांत घिरी replied

आपका बहुत बहुत धन्यवाद सर जी 🙏

Arpita pandey said

Sahi likha hai aapne

कमलकांत घिरी replied

शुक्रिया मैम 🙏

अशोक कुमार पचौरी 'आर्द्र' said

Yeh to kamaal ki rachna hai sir, Satya evam marmikta se paripurn,, par aaj vyapakta bhi dekhne ko mili dhanya hogaya... saadar pranam 🙏🙏

कमलकांत घिरी replied

आपकी इतनी अच्छी प्रतिक्रिया के लिए आपका तहेदिल से शुक्रिया सर जी, आपको भी मेरा सादर प्रणाम 🙏

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