सुन री सखी उसने देखा मुझे,
तू ही बता..उसका इरादा क्या है ?
देखा मुझे गौर से..इक अलग अंदाज़ से,
इक अलग ही बात थी..कोई न मेरे साथ थी !!
मुझको भी अच्छा लगा वो,
तू ही बता.. उसका इरादा क्या है !!
सच कहूँ दो पल में ही..मैं दीवानी हो गई,
थी चमेली आज तक..रात रानी हो गई !!
खिल गये कुछ मेरे अन्दर मोंगरे के फूल नये,
क्या कहूँ और क्या बताऊँ..
क्या से क्या मैं हो गई !!
सुन री सखी उसने छुआ मुझे,
तू ही बता..उसका इरादा क्या है !!
----वेदव्यास मिश्र
सर्वाधिकार अधीन है

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



The Flower of Word by Vedvyas Mishra




