लोगों का क्या लोगों का काम है कहना,
हमें तो सिर्फ़ अपने दिल की है करना।
लगोगे लोगों के कहने में,
तो पड़ेगी दर दर की ठोकरें सहना।।
ऐसे - ऐसे भी लोग है इस दुनियां में,
जो कामयाबी की राह पर चलने वालों को भी
नाकामयाबी की राह पर ले आते हैं।
ये लोग ऐसे होते हैं जो,
किसी शरीफ़ को भी पाई - पाई का
मोहताज बना देते हैं
इसीलिए कहती हूॅं -
लोगों का क्या लोगों का काम है कहना,
हमें तो सिर्फ़ अपने दिल की है करना।।
ये लोग स्वार्थ में दो दोस्तों को भी
एक - दूसरे का दुश्मन बना देते हैं,
ये लोग स्वार्थ में ईमानदार को भी
बेईमान साबित कर देते हैं।
ऐसे ही होते हैं ये लोग,
अपने स्वार्थ में ये शरीफ़ों को भी
बदमाश साबित कर देते हैं।।
ये लोग ऐसे ही होते हैं ,
इन्हें खुद कोई तमीज़ नहीं
और दूसरों को तमीज़ सीखाते हैं।
ऐसे ही होते हैं ये लोग,
इनकी खुद कोई औकात नहीं
और दूसरों को औकात याद दिलाते हैं।।
लोगों का क्या लोगों का काम है कहना,
हमें तो सिर्फ़ अपने दिल की है करना.........✍✍
💐💐 रीना कुमारी प्रजापत
सर्वाधिकार अधीन है

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



The Flower of Word by Vedvyas Mishra




