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The Flower of WordThe Flower of Word by Vedvyas Mishra The Flower of WordThe novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

        

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Dastan-E-Shayara By Reena Kumari Prajapat

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The novel 'Nevla' (The Mongoose), written by Vedvyas Mishra, presents a fierce character—Mangus Mama (Uncle Mongoose)—to highlight that the root cause of crime lies in the lack of willpower to properly uphold moral, judicial, and political systems...The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

                    

लोगों का काम है कहना

लोगों का क्या लोगों का काम है कहना,
हमें तो सिर्फ़ अपने दिल की है करना।
लगोगे लोगों के कहने में,
तो पड़ेगी दर दर की ठोकरें सहना।।

ऐसे - ऐसे भी लोग है इस दुनियां में,
जो कामयाबी की राह पर चलने वालों को भी
नाकामयाबी की राह पर ले आते हैं।
ये लोग ऐसे होते हैं जो,
किसी शरीफ़ को भी पाई - पाई का
मोहताज बना देते हैं
इसीलिए कहती हूॅं -
लोगों का क्या लोगों का काम है कहना,
हमें तो सिर्फ़ अपने दिल की है करना।।

ये लोग स्वार्थ में दो दोस्तों को भी
एक - दूसरे का दुश्मन बना देते हैं,
ये लोग स्वार्थ में ईमानदार को भी
बेईमान साबित कर देते हैं।
ऐसे ही होते हैं ये लोग,
अपने स्वार्थ में ये शरीफ़ों को भी
बदमाश साबित कर देते हैं।।

ये लोग ऐसे ही होते हैं ,
इन्हें खुद कोई तमीज़ नहीं
और दूसरों को तमीज़ सीखाते हैं।
ऐसे ही होते हैं ये लोग,
इनकी खुद कोई औकात नहीं
और दूसरों को औकात याद दिलाते हैं।।

लोगों का क्या लोगों का काम है कहना,
हमें तो सिर्फ़ अपने दिल की है करना.........✍✍
💐💐 रीना कुमारी प्रजापत






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रचना के बारे में पाठकों की समीक्षाएं (2)

+

Lekhram Yadav said

शुभ प्रातः मेरी प्यारी बहना। आपकी कविता अच्छी है मुझे बस यही कहना। अपने मन की करना चाहे लोगों का कुछ भी हो कहना।

रीना कुमारी प्रजापत replied

शुक्रिया

अशोक कुमार पचौरी 'आर्द्र' said

Kuch to log kahenge logon ka kaam hai kahna, unko ignore karke aap apna kaam karte rhna,,,, bahut sundar Rachna...🙏🙏

रीना कुमारी प्रजापत replied

जी बिल्कुल 🙏प्रणाम

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