ना आंधियों में बुझे वो चराग मिलता नहीं
बिना हवा के भी कोई चराग जलता नहीं
बड़ा जरूरी है सांसो का सिलसिला होना
बिन शजर पे लगे तो गुलाब खिलता नहीं
बड़ी मोहब्बत से नवाजा हमें आपने यारों
मां के आंचल सा प्यार मगर मिलता नहीं
कोई कुछ भी दिखाए करिश्मा दौलत का
खुदा का रूप दिखाए हमें जो दिखता नहीं
अश्क़ और हंसी दास जिन्दगी के पहलू हैं
खत्म गर खेल हुआ बाक़ी शेष रहता नहीं।I