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The Flower of WordThe Flower of Word by Vedvyas Mishra The Flower of WordThe novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

        

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Dastan-E-Shayara By Reena Kumari Prajapat

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कविता की खुँटी

                    

मत काटो ये पेड़ मेरा

कापीराइट गजल

मत काटो ये पेड़ मेरा, इसकी अजब कहानी है
इसकी शाखाओं और पत्तों में, मेरी याद पुरानी है

क्या-क्या हाल सुनाऊं मै, इसकी अजब कहानी के
संग-संग इसके जवां हुई, ये मेरी नादान जवानी है

हर गरमी सर्दी गुजरी हैं, इसके नीचे दोपहरी में
इसकी ये शीतल छाया, मेरे जीवन की रवानी है

छाया में इसकी सुकूं बहुत हर मानस और पंछी को
बस्ती है एक दुनियां इसमें, इसकी गजब कहानी है

मेरी खुशियों मेरे गम में, ये हरदम मेरे साथ रहा
गुजरे मेघ यहां से जब, इसने बरसाया पानी है

वृक्ष नहीं साथी है मेरा, यह मेरे सुख और दुख का
इसके प्यार के रंगों में, बनती हर रोज कहानी है

धरती मां का प्यार बसा है, इसके पत्तों और फूलों में
मत काटो तुम पेड़ मेरा, ये धरती मां की निशानी है

इसकी गोद में बीता है, ये बचपन अपना अलबेला
इसकी बाहों में झूले हैं हम, इसकी अमर कहानी है

आज अगर इसको काटोगे, कल तुम भी पछताओगे
यादव इसकी सांसों में, तेरे जीवन की कहानी है

- लेखराम यादव
( मौलिक रचना )


यह रचना, रचनाकार के
सर्वाधिकार अधीन है


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रचना के बारे में पाठकों की समीक्षाएं (3)

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रीना कुमारी प्रजापत said

मत काटो कोई पेड़ मेरा..... मुझसे ज़्यादा ये दर्द और कौन समझ सकता है अति सुन्दर प्रस्तुति

Lekhram Yadav replied

सुप्रभात मेरी प्यारी बहना, आपको धन्यवाद सहित नमस्कार।

Pragya kashyap said

👏

Lekhram Yadav replied

सुप्रभात एवं धन्यवाद सहित आपको सादर प्रणाम।

कमलकांत घिरी said

वाह! लाज़वाब सर जी बहुत बेहतरीन गीत 👌👌क्या-क्या हाल सुनाऊं मै, इसकी अजब कहानी के संग-संग इसके जवां हुई, ये मेरी नादान जवानी है.. बहुत बढ़िया सर जी ,प्रणाम आपको🙏🙏

Lekhram Yadav replied

धन्यवाद सहित नमस्कार कमलकांत भाई। आपकी प्रतिक्रिया देखकर बहुत अच्छा लगा। आपको सादर प्रणाम।

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