रिश्ते पता नहीं कैसे धागे से बने होते हैं
कोई धागा इतना नाज़ुक होता है कि
पलक झपकते ही टूट जाता है
किसी को कितना भी खींच लो
वो वक्त के साथ और मजबूत होता चला जाता है
कई कई धागे तो रंग बिरंगे होते हैं
जो किस रूप में आए हैं और क्या रूप दिखाएँगे कोई जान ही नहीं पाता है
कुछ अनोखे धागे ऐसे भी होते हैं
जो अनगिनत गाँठों से जुड़े होते हैं फिर भी ज़िन्दगी भर साथ निभाते हैं
पता नहीं कौनसे फैब्रिक के बने होते हैं ये धागे
जो कितने ही कहानियाँ लिख देते हैं..
वन्दना सूद