सुन कर आपके अस्वस्थ होने की ख़बर,
मन सहमा, भीतर बैठ गया था एक डर।
कुछ यूँ उलझा रखा था परिस्थितियों ने,
ले नहीं पा रहा था मैं निरंतर खोजख़बर।
सुना जब कि घट गई है, एक अनहोनी,
चले गए आप हम सबको तन्हा छोड़कर।
मन, कलम, कविता, आज सब हैं उदास,
आप हमेशा याद आएँगे प्रिय पचौरी सर।
🖊️सुभाष कुमार यादव

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



The Flower of Word by Vedvyas Mishra




