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Dastan-E-Shayara By Reena Kumari Prajapat

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The Flower of WordThe Flower of Word by Vedvyas Mishra
The Flower of WordThe novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra

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The novel 'Nevla' (The Mongoose), written by Vedvyas Mishra, presents a fierce character—Mangus Mama (Uncle Mongoose)—to highlight that the root cause of crime lies in the lack of willpower to properly uphold moral, judicial, and political systems...The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

                    

मैं सवेरा हूं - सुप्रिया साहू

मैं सवेरा हूं रोज आता हूं नई किरण के साथ,
मैं अंधेरा हूं कभी चांद के साथ आता हूं कभी चांद के पहले,
मैं चिड़िया हूं जो सूर्योदय के पहले चहचहाती हूं,
मैं रास्ता हूं लोगों को उनके मंजिलों तक लेकर जाती हूं,
मैं पहाड़ हूं कभी कठोर हो जाती हूं,
मैं जल हूं कभी मृदु हो जाती हूं,
मैं भौंरा हूं जो फूलों के ऊपर मंडराती हूं,
मैं हवा हूं सबके रुहों में जा समाती हूं,
मैं बादल हूं कभी बरस जाती हूं कभी तरस जाती हूं,
मैं किनारा हूं जो कभी किसी से मिल नहीं पाती हूं....।।

- सुप्रिया साहू




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रचना के बारे में पाठकों की समीक्षाएं (5)

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मनोज कुमार सोनवानी "समदिल" said

वाह!! अति उत्तम। सबेरा, अंधेरा, चिड़िया, रास्ता, पहाड़ जल हवा, बादल, किनारा,भौरा प्रकृति के अनमोल उपहारों का मानव जीवन में कितना महत्व है, आपने सुंदर उपमानों से सजाया दिया। क्या बात है 👌👌🙏🙏 आप स्वयं भी प्रकृति के इन्हीं उपहारों में से हैं।बस, ताउम्र ऐसे ही रहिए। सादर नमस्कार 🙏🌹🌹🙏

सुप्रिया साहू replied

आपकी दुवाएं काफी है सर जी, रचना के लिए आपका बहुत बहुत आभार एवं धन्यवाद 🥰, आपको सादर प्रणाम 🙏🙏।

Vadigi.aruna said

बहुत ही सुंदर रचना

सुप्रिया साहू replied

बहुत बहुत आभार एवं धन्यवाद मैम 🥰,आपको सादर प्रणाम 🙏🙏।

पवन कुमार "क्षितिज" said

बहुत ही उम्दा लिख है आपने..अद्भुत 👌👌👌👌

सुप्रिया साहू replied

बहुत बहुत आभार एवं धन्यवाद सर 🥰, आपको सादर प्रणाम 🙏🙏।

Lekhram Yadav said

बहुत खूबसूरत रौशनी बिखेर रही है आपकी ये रचना सवेरा बन कर 🌹🙏।

सुप्रिया साहू replied

बहुत बहुत आभार एवं धन्यवाद सर 🥰, आपको सादर प्रणाम 🙏🙏।

आलम-ए-ग़ज़ल - परवेज़ अहमद said

वाह! बहुत ख़ूब! निहायत ही बेहतरीन और शानदार रचना! आपने पूरी प्रकृति को अपनी रचना के धागे में पिरो दिया है! लाजवाब रचना! बे-मिसाल कलाम, सुप्रिया जी! जितनी ता'रीफ़ करूॅं वो कम है! 👌👌🙏🙏

सुप्रिया साहू replied

इतनी खूबसूरत प्रतिक्रिया के लिए आपका बहुत बहुत धन्यवाद परवेज सर 🥰, आपको सादर प्रणाम 🙏🙏।

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