चलो आज ये भी कर लेते हैं
तुम कहते हो कि छोड़ दो हमे
तो हम तुम्हें छोड़ देते हैं,
तुम कहते हो कि भूल जाओ हमे
तो हम तुम्हें भूल जाते हैं।
चलो आज ये भी कर लेते हैं.........
चलो आज ये भी कर लेते हैं
तुम कहते हो कि बात ना करो हमसे
तो हम तुमसे बात करना भी बंद कर देते हैं,
तुम कहते हो कि यूं साथ न चलो मेरे
तो हम साथ चलना भी छोड़ देते हैं।
चलो आज ये भी कर लेते है.......
चलो आज ये भी कर लेते हैं
तुम कहते हो कि छोड़ दो हमारा घर
तो हम घर भी छोड़ देते हैं,
तुम कहते हो कि मिटा दे हम अपनी ज़िंदगी से
तुम्हारा नामो - निशान
तो वो भी मिटा देते हैं।
चलो आज ये भी कर लेते हैं.........
चलो आज ये भी कर लेते हैं
तुम कहते हो कि हम न हक़ीक़त में आए
और ना ही आए ख़्वाबों में तुम्हारे
तो नहीं आते हैं,
तुम कहते हो कि चले जाओ हमारी राहों से
तो चले जाते हैं।
चलो आज ये भी कर लेते हैं.........
💐✍️ रीना कुमारी प्रजापत
सर्वाधिकार अधीन है

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



The Flower of Word by Vedvyas Mishra




