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The Flower of WordThe Flower of Word by Vedvyas Mishra The Flower of WordThe novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

        

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The Flower of Word by Vedvyas MishraThe Flower of Word by Vedvyas Mishra
Dastan-E-Shayara By Reena Kumari Prajapat

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The novel 'Nevla' (The Mongoose), written by Vedvyas Mishra, presents a fierce character—Mangus Mama (Uncle Mongoose)—to highlight that the root cause of crime lies in the lack of willpower to properly uphold moral, judicial, and political systems...The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

                    

प्रकृति का आँगन

हरे-भरे खेतों की चादर में बसी,
सजीव संसार की अद्भुत हँसी।
फूलों की महक, पवन की ताजगी,
नदियों की धारा, अनमोल शांति सजी।

सूरज की किरणों का अद्भुत खेल,
चाँदनी रातों का स्वर्णिम मेल।
पंछियों की चहचहाहट, मीठी तान,
वनों का साया, धरती का मान।

पर्वत की ऊँचाई, सागर की गहराई,
अंबर की अनंतता में छुपी तरुणाई।
धरती की छाती पर बिछा यह संसार,
प्रकृति का आँगन है सजीव उपहार।

मानव तू इसका कर न अपमान,
संभाल इसे, यही है तेरे जीवन का मान।
प्रकृति की गोद में है सुख का अनंत स्रोत,
इससे ही जुड़े हैं जीवन के सब चोट।

----अशोक कुमार पचौरी


यह रचना, रचनाकार के
सर्वाधिकार अधीन है


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रचना के बारे में पाठकों की समीक्षाएं (5)

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रीना कुमारी प्रजापत said

शब्दों का बहुत खूबसूरत प्रयोग, बहुत सुंदर 🙏🙏प्रणाम, कैसे है आप?

अशोक कुमार पचौरी 'आर्द्र' replied

आपका बहुत बहुत आभार आदरणीय, सादर प्रणाम

सुभाष कुमार यादव said

अद्भुत, अत्युत्तम, भाव एवं शिल्प का श्रेष्ठ प्रयोग। बिम्ब के साथ मानव शिक्षा का मणिकांचन संयोग। सादर प्रणाम आदरणीय पचौर सर। लंबी प्रतीक्षा के पश्चात आपकी रचना पढ़ मन गदगद हो गया।🙏🙏🙏

अशोक कुमार पचौरी 'आर्द्र' replied

आपका बहुत बहुत आभार आदरणीय, सादर प्रणाम

कमलकांत घिरी said

मन को प्रफुल्लित हो गया आपके इस रचना को पढ़कर सर जी, बेहद सुंदर शब्दों का बहुत खूबसूरती के साथ प्रयोग, बहुत शानदारत रचना, 👌 प्रणाम आपको🙏

अशोक कुमार पचौरी 'आर्द्र' replied

आपका बहुत बहुत आभार कांत सर - आपकी प्रतिक्रिया मेरे लिए विशेष है

Lekhram Yadav said

बहुत खूबसूरत प्रकृति वन्दन सर जी, इस खूबसूरत रचना के लिए आपको सादर हार्दिक नमस्कार।

अशोक कुमार पचौरी 'आर्द्र' replied

प्रणाम आदरणीय यादव सर - आपकी प्रतिक्रिया निश्चित ही मेरे लिए विशेष महत्वा रखती है आपका बहुत आभार!

वन्दना सूद said

वाह वाह बहुत खूब 👌👌शब्दों की सुन्दरता ने आपके लेखन को और चार चाँद लगा दिए हैं

अशोक कुमार पचौरी 'आर्द्र' replied

आदरणीय Mam, आपको विशेष आभार अपनी समीक्षा से कृतज्ञ करने के लिए

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