क्या सोचता हूं ये बता नहीं शकता
तुम जानते हो पर में मुस्करा नहीं शक्ता
जिंदगी की इस कश्मकश में दोस्तों
जब हो जायेगी रात में रोक नहीं शकता
तुम परिंदे हो गगन की आजादी के
तुम्हारी उड़ान को धागे से बांध नहीं शकता
में इन्सानियत की डौर से बंधा हूं दोस्तों
तुम जी भर उड़ो में तुम्हे गीरा नहीं शकता
के बी सोपारीवाला