प्रकृति का आशीर्वाद
शिवानी जैन एडवोकेटbyss
धीमी सी, कोमल सी किरण,
प्रकृति का है ये आभरण।
फूलों पर जब ये पड़ती,
ओस की बूँदें है झड़ती।
हरी घास पर जब ये फैले,
मोती से कण-कण फैले।
नदी के जल को चमकाए,
लहरों पर मोती बिखराए।
बादलों को ये है रंगती,
इंद्रधनुष को ये है भरती।
पहाड़ों की चोटियाँ धोए,
हर घाटी में ज्योति बोए।
ये प्रकृति का है आशीर्वाद,
दूर करे हर विषाद।