उड़ने का शौक हम भी रखते हैं
पर ज़मीं पर चलने की आदत नहीं छोड़ना चाहते
क्योंकि ज़िन्दगी से इतना सबक तो मिल ही गया है
कि ऊपर से नीचे गिर कर सँभलना आसान नहीं है
और एक मुकाम पर पहुँच कर वापिस ज़मीं पर आना तय है ..
वन्दना सूद
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