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The Flower of WordThe Flower of Word by Vedvyas Mishra The Flower of WordThe novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

        

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Dastan-E-Shayara By Reena Kumari Prajapat

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कविता की खुँटी

                    

फिर मिला दे - सुप्रिया साहू

फिर मिला दे....

उसके नजरअंदाज करने से
मुझे फर्क क्यों पड़ा,
मैं जिंदा हूँ या मर गई हूँ,
खुशी मेरी उससे है,
नज़र क्यों नहीं आता उसको,
मैं तड़पती हूँ बात करने के लिए,
छोटी सी बात पर गुस्सा क्यों आता है उसको,
अनंत गहराइयों से मैंने रिश्ता बांधा उससे,
मैं अंदर ही अंदर टूटती हूँ,
एक मुलाक़ात के लिए तुझसे,
मैं रोती हूँ एक तेरी आवाज़ सुनने को,
मैं तरस जाती हूँ बात करने के लिए तुझसे,
मैं पागल होने वाली हूँ या हो गई हूँ,
मैं मन ही मन में तुझसे विवाह रचा चुकी हूँ,
क्या तुझको भी आती है याद मेरी आवाज़ों की..?
या भूला देती है किसी से करके बात,
मैं प्रश्न वाचक हूँ सवाल लिए बैठी हूँ,
मैं तुझसे दूर हूँ फिर भी आस लिए बैठी हूँ,
तुम देना क्यों नहीं चाहते जवाब मुझे,
मुझे डसती है तेरा बात करना उससे,
क्या मैं फिर से अनजान हो गई,
जो दिल के करीब थी तेरी,
क्या वो आज अंदर ही अंदर खाक हो गई,
ज़रा बताना मुझे मैं रोती क्यों हूँ..?
मैं तुझसे दूर होकर तेरे बारे सोचती क्यों हूँ..?
मैं तेरे पास रहना चाहती हूँ,
कब तक..?
तब तक जब तक तू किसी और का नहीं हो जाता,
“सूप” की जिंदगी कम है,
तू “दीप” जला और मांग ले मुझे,
मैं उजाला होना चाहती हूँ,
तू रंग दे अपने दामन से,
मैं छुपाना चाहती हूँ तुझे अपने शब्दों में,
तू इशारा तो दे...
आ बैठ मेरे पास गले लगाकर,
मिटा दे इंतजार का पल चुटकी बजाके,
मैं जीना चाहती हूँ तेरे संग,
तू मुझे जीना सीखा दे,
किस्मत मुझे एक बार उससे फिर मिला दे, फिर मिला दे...।।

- सुप्रिया साहू




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रचना के बारे में पाठकों की समीक्षाएं (4)

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मनोज कुमार सोनवानी "समदिल" said

वाह! सुप्रिया जी, धरती पर प्रीत का दरिया नहीं,पूरा समंदर उड़ेल दिया है आपने। प्रेम में त्याग और समर्पण का अनमोल खजाना प्रस्तुत किया है आपने। मैं मन में तुझसे ब्याह रचा चुकी हूं।ये वो पंक्ति है जिसमें मीरा की अमर प्रेम की संगीत गुंजती है।पावन एहसासों की खूबसूरत कहानी। आपकों सादर नमस्कार 🙏🙏

सुप्रिया साहू replied

आपकी प्रतिक्रिया मेरे लिए सौभाग्य की बात है, बस ऐसे ही हौसला बढ़ाते रहिए, बहुत बहुत आभार एवं तहेदिल से धन्यवाद सर 😊🥰, आपको सादर प्रणाम 🙏🙏।

Lekhram Yadav said

वाह बहुत खूब, ये राधा सा प्रेम और मीरा सी भक्ति, ये लैला सा प्यार और ये जूलियट सा समर्पण देख कर हम गदगद हो गए, बहुत खूबसूरत जज्बातों और खूबसूरत अभिव्यक्ति के साथ एक लाजवाब रचना, आपको ढेरों प्यार और आशिर्वाद सहित सादर नमस्कार सुप्रिया जी।

सुप्रिया साहू replied

आपकी इस समीक्षा को पाकर मैं धन्य हो गई, बस अपना आशीर्वाद बनाए रखिए मुझ पर, बहुत बहुत आभार एवं तहेदिल से आपका धन्यवाद सर 🥰😊, आपको सादर प्रणाम 🙏🙏।

वन्दना सूद said

खूबसूरत एहसासों से भरी हुई खूबसूरत रचना 👏👏

सुप्रिया साहू replied

बहुत बहुत आभार एवं तहेदिल से आपका धन्यवाद मैम 🥰, आपको सादर प्रणाम 🙏🙏।

श्रेयसी said

बहुत सुंदर भावनात्मक रचना 🙏🙏

सुप्रिया साहू replied

बहुत बहुत आभार एवं तहेदिल से आपका धन्यवाद मैम 🥰, आपको सादर प्रणाम 🙏🙏।

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