जब मौसम लेगा अंगड़ाई
और हवा चलेगी पुरवाई
कोई काम जुगत ना आएगी
जब मौसम लेगा अंगड़ाई
कोई बादल घिर घिर आये
तेरा जियरा फ़िर तो घवराये
कोई क्या कर लेगा सुनवाई
जब मौसम लेगा अंगड़ाई
ये सुन्दर पवन सुखारी
लगती है सबको प्यारी
हर चीज़ इसने खनकाई
जब मौसम लेगा अंगड़ाई....
----डॉ मोहम्मद