सबकी अपनी बात अधूरी बात सभी की करते है,किस्सा सबका होता है और किस्सा सबका कहते हैं, शायद यही फलसफा है जीकर भी सब मरते हैं,सबकी,,,,,,,, सर्दियों से इस धरा पर इंसा अपने होकर लड़ते हैं,ऊँच नीच का भेद बनाकर अपनों को डसते है, सबकी अपनी बात,,,,
सर्वाधिकार अधीन है

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



The Flower of Word by Vedvyas Mishra




