अनमोल विचार
*परवाह सम्मान जिम्मेदारी कोई व्यापार नहीं है जिसका मोल तोल लगाया जाए कि किसने कितना किया और किसने कितना पाया ।
*जो सक्षम होते हुए भी स्वार्थवश अपने जन्मदाता का नहीं हुआ वह अपने जीवनसाथी का भी साथ क्या देगा ।यह सोचना ही वहम् है ।
*आपने जाने अनजाने जब किसी के साथ ग़लत किया है,वह आपका मन अच्छे से जानता है इसलिए तैयार रहना क्योंकि वक़्त कुछ भी बताकर नहीं लौटाता ।
*एक उम्र के बाद आपके बुजुर्ग माता पिता के आप ही मनोरंजन के साधन हैं ,आप ही उनकी आँखें हैं ,आप ही उनके होने की वजह हैं याद रखिए उनके बहुत से त्याग और समझौतों करके ही आज आपकी पहचान है इसलिए उन्हें वक़्त दीजिए क्योंकि एक समय बाद तो आपको बहुत सी आवाजों में शायद उनकी आवाज सुनाई भी नहीं देगी ..
वन्दना सूद
सर्वाधिकार अधीन है

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



The Flower of Word by Vedvyas Mishra




