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कविता की खुँटी

        

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कविता की खुँटी

                    

अनमोल विचार

Sep 30, 2024 | डायरी | वन्दना सूद  |  👁 600,057

अनमोल विचार
*परवाह सम्मान जिम्मेदारी कोई व्यापार नहीं है जिसका मोल तोल लगाया जाए कि किसने कितना किया और किसने कितना पाया ।

*जो सक्षम होते हुए भी स्वार्थवश अपने जन्मदाता का नहीं हुआ वह अपने जीवनसाथी का भी साथ क्या देगा ।यह सोचना ही वहम् है ।

*आपने जाने अनजाने जब किसी के साथ ग़लत किया है,वह आपका मन अच्छे से जानता है इसलिए तैयार रहना क्योंकि वक़्त कुछ भी बताकर नहीं लौटाता ।

*एक उम्र के बाद आपके बुजुर्ग माता पिता के आप ही मनोरंजन के साधन हैं ,आप ही उनकी आँखें हैं ,आप ही उनके होने की वजह हैं याद रखिए उनके बहुत से त्याग और समझौतों करके ही आज आपकी पहचान है इसलिए उन्हें वक़्त दीजिए क्योंकि एक समय बाद तो आपको बहुत सी आवाजों में शायद उनकी आवाज सुनाई भी नहीं देगी ..
वन्दना सूद




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रचना के बारे में पाठकों की समीक्षाएं (3)

+

श्रेयसी said

Bahut achhe aur sachhe vichaar👌👌

वन्दना सूद replied

🙏🙏😊

Lekhram Yadav said

बहुत ही सुंदर और अनमोल विचार, वन्दना जी आपको हार्दिक नमस्कार।

वन्दना सूद replied

शुक्रिया sir 😊

रीना कुमारी प्रजापत said

Bahut sundar prastuti 🙏

वन्दना सूद replied

धन्यवाद 🙏🙏😊

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