कविता:पानी पिला देना
दिनांक:21/08/2025
राहगीर प्यासे निकले उनको पानी पिला देना।
स्नेहपूर्वक सबसे मिल प्यार का रंग लगा देना।
दया भाव मन में रखकर मानवता सिखा देना।
एक दूसरे के संगी साथी दुनिया को बता देना।
धर्म के रक्षक हम सब कल्याण मार्ग बता देना।
जीव जंतु जो प्यासे है उनको पानी पिला देना।
कर्तव्यपारायण बनकर जीवन धन्य बना लेना।
इस धरा पर जो कुछ है मिलजुलकर बांट लेना।
दुराचार को त्यागकर सबको साथी बना लेना।
दूसरो की रक्षा करे ज्योति दिल में जला देना।
प्रेमभाव सबमें हो हितकारी बन समझा देना।
मनकर्म वचन वाणी से प्रेम की हवा चला देना।
अनाज हम सबको मिले खेत में हल चला देना।
जरूरत पर पौधों फसलों को पानी पिला देना।
राहगीर प्यासे निकले उनको पानी पिला देना।
स्नेहपूर्वक सबसे मिल प्यार का रंग लगा देना।
सत्यवीर वैष्णव बारां राजस्थान 💞💞💞✒️💞💞💞