शरीर का एक अहम हिस्सा
जिससे बढ़ती तन की शोभा
गजब है काया तेरी माया
छोटे से छोटे दर्द को तूँ महसूस करता
पर... उसके दर्द को समझ न पाता
बड़ी क्रूरता होती फिर भी
आह न उसकी निकलती
काटा जाता तोड़ा और मरोड़ा जाता
कभी-कभार जड़ से खींचा जाता
फिर भी सब भूल फिर से जिंदा हो जाता
अरे ओ काया ए क्या? तूने उसे न चाहा
तेरा ही अंश और अहम वो हिस्सा
हलचल उसकी तूं क्यों न जाने
हवा का झोंका भी उसे संवारे
तूँ समझ सुन उसकी आहे......
वो................ तेरी शोभा बढ़ाए

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



The Flower of Word by Vedvyas Mishra




