कविता : शर्म....
हमें तुम से प्यार
है कहना ही डर गए
हम तो तुम्हें प्यार
कर करके मर गए
तुम हो कि अभी भी
जिंदा घूम रही हो
थोड़ी शर्म करती दूसरों
के साथ झूम रही हो
थोड़ी शर्म करती दूसरों
के साथ झूम रही हो.......