अंगूठा लगाकर- डॉ एच सी विपिन कुमार जैन "विख्यात"
हर लय में छुपा है सार,
गिफ्ट में मिल रही है कार।
अंगूठा लगाकर,
कर दिए करोड़ों पार।
इस खंडहर में,
चमगादड़ों का बसेरा।
कोई नहीं आता जाता,
रहता वो अकेला।
अंकी इंकी डंकी लाल,
तीनों ही धूर्त मक्कार।
सुर ताल मिलाकर,
एक नया संगीत बना लिया।
हड़पने के चक्कर में,
जहर पिला दिया।
आया जांच अधिकारी,
उसे शहद चटा दिया।
रिपोर्ट कुछ यूं बनाई गई,
गुमनाम सिंह के
गले में,
हरे धनिए की चटनी फंसी पाई गई।