जैसा हुआ आज वैसा हो कल जरूरी तो नहीं,
हर ख्वाब हो जाए मुकम्मल, जरूरी तो नहीं।
मेरे हाथ में है बस इतना कि करूँ मैं कोशिश,
हर बार मैं हो जाऊँ असफल, जरूरी तो नहीं।
बात कहो सादगी से दिल में हो जाए हलचल,
तल्ख़ लहजे से उठे कोलाहल, जरूरी तो नहीं।
जो मसले सुलझ नहीं सके वक़्त पर छोड़ दो,
हर मसले का निकले एक हल जरूरी तो नहीं।
प्रेम में दशरथ माँझी ने तोड़ दिया पूरा पहाड़,
हर एक प्रेमी बनाए ताजमहल जरूरी तो नहीं।
🖊️सुभाष कुमार यादव

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



The Flower of Word by Vedvyas Mishra




