मैने कुछ लिखा उन्होंने कुछ समझ लिया।
फितरत के मारे हाल-ए-दिल समझ लिया।।
नया साल कहने वालों से पूछो नया क्या।
पश्चिम की फितरत को नया समझ लिया।।
इंसान को बदलाव में जीना पसन्द बहुत।
दिखावा करना 'उपदेश' नया समझ लिया।।
- उपदेश कुमार शाक्य वार 'उपदेश'
गाजियाबाद