एक एक बूँद अब ऋणी है तेरा,
कतरा कतरा एहसान है जीवन,
संघर्षों का सार है जीवन,
हर कदम संग्राम है जीवन,
जीवन है एक बहती गंगा,
सुख दुःख का संसार है जीवन,
कुछ रिश्ते बनते कुछ बिछड़ता जीवन,
समय-समय पर बदलता जीवन,
इस जीवन में कभी फूल खिले हैं,
कभी कांटो संग महकता जीवन,
कभी जीवन है एक पहेली,
कभी खुली किताब है जीवन,
कभी बीते लम्हे इस जीवन के,
कभी यादों में समाया जीवन,
एक एक बूँद अब ऋणी है तेरा,
कतरा कतरा एहसान है जीवन,
................एहसान है जीवन....
Written by..... कवि राजू वर्मा...
क्या माता पिता का एहसान चुका पाओगे...
मैं तो नहीं चुका सकता ..
सर्वाधिकार अधीन है