कापीराइट गजल
कौन, हो तुम, कहां से, आए हो
क्यूं इस तरह दिल में समाए हो
मैंने, अब तक तुम्हें, जाना है कहां
फिर ये नजदीकियां क्यूं बढ़ाए हो
कह, रही है क्या, ये धड़कन मेरी
हर धड़कन में तुम क्यूं समाए हो
गर्म सांसे ये तेरी कह रही हैं मुझे
स्पर्श, नया तुम, कहां से लाए हो
हो, रहा है क्यूं, बेकरार यह दिल
आग ऐसी दिल में क्यूं लगाए हो
सामने, तुम मेरे, आ जाओ यादव
हम पूछेंगे तुमसे कहां से आए हो
- लेखराम यादव
( मौलिकरचना )
सर्वाधिकार अधीन है