नवयुग के स्वर
डॉ. एच सी विपिन कुमार जैन "विख्यात"
जागो युवा, उठो अब तुम,
देश पुकारे बारंबार,
ज्ञान की ज्योति बनो तुम,
मिटाओ जग का अंधकार।
कर्मठ बनो, उद्यमी बनो,
नव भारत का निर्माण करो,
सत्य, अहिंसा, प्रेम से,
विश्व में अपना नाम करो।
तकनीक के युग में तुम,
नव खोजों के पथिक बनो,
विज्ञान और कला से,
देश का गौरव गान करो।
खेलों में परचम लहराओ,
संस्कृति का सम्मान करो,
सेवा और समर्पण से,
मानवता का उत्थान करो।
गाँव-गाँव, शहर-शहर,
शिक्षा का प्रकाश फैलाओ,
अज्ञानता के तम को तुम,
ज्ञान के दीप से मिटाओ।
भ्रष्टाचार, गरीबी,
असमानता से लड़ो तुम वीर,
समृद्ध, सशक्त भारत का,
सपना करो साकार धीर।
स्वच्छता का मंत्र जपते,
पर्यावरण का ध्यान धरो,
प्रकृति की रक्षा करके,
जीवन को सुखमय करो।
नारी का सम्मान करो,
समानता का पाठ पढ़ो,
एकजुट होकर तुम सभी,
नवयुग का इतिहास गढ़ो।

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



The Flower of Word by Vedvyas Mishra




