हम उतने भी मशहूर नहीं हुए,
तेरे गलियों में...!
कि तू मुझे ढूंढ सके...।
हम इतने जलील हुए,
तेरे गलियों में कि,
तू मुझे महसूस भी न कर सके...।
क्या करती तेरे खातिर...?
एक बार तो बता देता,
"सुप्रिया" इतनी भी कमजोर नहीं,
कि तू बोले और हम कर न सके....।।
– सुप्रिया साहू