आज बाजार में देखा,
एक नन्हीं सी परी को,
अपने बाबा के साथ,
घूम रही थी आनंदित,
खिलौनों की दुकान में,
गुड्डे-गुड़ियों को देखती,
विस्मृत सी एकटक,
उसे देख बाबा ने,
झाँक अपने जेब में,
आँख मूँद, गहरी श्वास ली,
उसे देख परी ने जो कहा,
सुन उसे आश्चर्यचकित हूँ,
बाबा मुझे खिलौने नहीं,
चॉकलेट दिला दो(मुस्कराते हुए)।
🖊️सुभाष कुमार यादव