कविता : चोली के अंदर....
मैं घर से किसी की
शादी में निकल लिया
शादी में डांस भी था
मैं वहां पर चल दिया
गाना डीजे पर जोर से
बज रही है
वो गाने पर एक लड़की
नाच रही है
गाना था, चोली के पीछे क्या है ?
चोली के नीचे क्या है ?
चोली के आगे क्या है ?
ये गाना लिखने
वाले ने कैसे लिखा ?
न उसने आगे देखा
न उसने पीछे देखा
ऐसा ऊटपटांग गाना
क्यों समाज को दिया है ?
इस गाने ने तो हर एक
नारी को नंगा किया है
पाठक वर्ग आप ही कहो
ये गाना सही है क्या ?
गाना लिखने वाले के घर अपनी
मां बहन नहीं है क्या ?
एक औरत चोली पहन
दिखती खुबसूरत है
उस औरत की चोली पर कमेंट
की क्या जरूरत है ?
ये गाना सब से
बेकार और धुत है
फिर भी गाने का कुछ
अंश प्रस्तुत है
चोली के पीछे क्या है ?
चोली के नीचे क्या है ?
चोली के आगे क्या है ?
चोली के अंदर का
पार्ट कोई कैसे बताए ?
ये बताने में हर
किसी को बड़ी शर्म आए
मगर कोई लोग इसी गाने
पर नाचेंगे गाएंगे
कल जा कर ये लोग बच्चों
को यही सिखाएंगे
अगर गाना लिखेंगे
और गाएंगे ऐसे
इस हाल में हमारा समाज
सुधरेगा कैसे ?
इस हाल में हमारा समाज
सुधरेगा कैसे.......?
netra prasad gautam