स्पर्श
ऐसा लगता है कि मैं मायके चली हूँ
मन में उमंग की तरंगें उठ रही हैं
दिल आज मस्ती में है
शब्द नहीं हैं जो इस ख़ुशी को ब्यान कर सकें
यह मथुरा वृन्दावन बरसाना की पावन हवा है
जो राधा कृष्ण जी को स्पर्श कर मेरे दिल पर दस्तक दे रही है
वन्दना सूद