साइकिल है बहुत सुंदर
पैडल है
पैडल मारो चलती है
घंटी मारो बजती है
साइकिल मेरी एक है
आगे पीछे ब्रेक है
ब्रेक मारो रुकती है
आगे नहीं बढ़ती है
दौड़ाओ तो दौड़ती है
ऊंचाई में भी चढ़ती है
घुमाओ तो घूमती है
साइकिल बड़ी कीमती है
ये तो बहुत न्यारी है
साइकिल मेरी प्यारी है
साइकिल मेरी प्यारी है.......
----नेत्र प्रसाद गौतम