प्यारे दोस्त को खो कर खाली है।
सुर्ख हुई चंचल मन की लाली है।।
जीवन में अँधियारा जैसा छाया।
जब कि जग में छाई उजियाली है।।
कभी मिलन के पुष्प खिले देखे।
बेशक वर्तमान में सूख रही डाली है।।
मन की ओझल खुशी तेरी याद में।
महादेव से 'उपदेश' मिलने वाली है।।
- उपदेश कुमार शाक्य वार 'उपदेश'
गाजियाबाद