मोहब्बत की दुकान में मुशायरा भाग – 10
आजकल हर आदमी एक प्रसिध्द, प्रतिष्ठित कवि, लेखक, शायर, गीतकार, संगीतज्ञ, नेता और बिजनेसमैन बनना चाहता है, मगर हर आदमी देखते ही देखते सफलता की सारी सीढ़ियां चढ़ जाए यह बिल्कुल भी आवश्यक नहीं है। कुछ लोग एक अच्छा शायर,कवि और लेखक बनने के लिए जिन्दगी भर झूलते रहते हैं मगर एक प्रसिद्ध कवि, लेखक या शायर नहीं बन पाते। आज इसी विषय पर प्रकाश डालने के लिए मोहब्बत की दुकान में मुशायरा भाग-3 प्रस्तुत खुफिया जा रहा है। आशा है कि आपको पसन्द आएगा, अगर आपको पसन्द आया तो अपनी राय हमें अवश्य भेजें और अगर पसन्द नहीं आया तो भी यह लिखकर अपनी प्रतिक्रिया जरूर भेजें कि आपको यह पसंद क्यों नहीं आया। आपकी सकारात्मक और नकारात्मक या आलोचनात्मक प्रतिक्रियाएं भी सादर आमंत्रित हैं, प्रतिक्रिया भेजने के लिए आपका बहुत-बहुत धन्यवाद एवं आभार।
दरिया और हरिया (दोनों एक साथ दरशकों एवं पाठकों को नमस्कार करते हुए) – सभी श्रोताओं और पाठकों को हमारी तरफ से प्यार भरा नमस्कार। दोस्तो आज हम इस विषय पर प्रकाश डालने जा रहे हैं कि एक सफल लेखक, कवि या शायर बनने के लिए क्या करना चाहिए। आओ आज का कार्यक्रम शुरू करते हैं।
दरिया – हरिया भाई आपको नमस्कार। आज हम इस मुशायरे को सफल बनाने के लिए एक मशहूर लेखिका, कवियित्री एवं शायरा जिनका नाम है कविता को आमंत्रित किया है, आईए कविता जी, इस मुशायरे में आपका हार्दिक स्वागत एवं अभिनन्दन है। दरिया और हरिया भाई आप दोनों के साथ-साथ सभी श्रोताओं और पाठकों को भी सादर नमस्कार।
दरिया - कविता जी, आप एक सफल एवं प्रतिष्ठित लेखका और शायरा हैं आप हमारे पाठकों को यह बताएं आपने अपने कार्य में सफलता कैसे हासिल की।
कविता – दरिया भाई आपको तो मालूम ही है कि हरेक काम में सफलता हासिल करने के लिए कड़ी मेहनत करनी पड़ती है, कड़ी मेहनत के साथ-साथ उस कार्य को करने के लिए स्वंय के प्रति ईमानदार और निष्ठावान होना जरूरी है और उस व्यक्ति में दृढ़ ईच्छा शक्ति, सकारात्मक सोच और कल्पनाशीलता का होना जरूरी है।
हरिया – (बीच में टोकते हुए) मगर हमने तो सुना है कि लिखने के लिए कागज, कलम और सोचने की जरूरत होती है, इन चीजों का क्या काम।
कविता – देखिए हरिया भाई जिस तरह शरीर को उर्जा देने के लिए भोजन की जरूरत होती है उसी तरह से लिखने के लिए विचारों की जरूरत होती है, कागज, कलम और सोच केवल एक साधन मात्र हैं, ठीक वैसे ही जैसे हाथ, मुंह और दांत खाना खाने और चबाने के साधन हैं। साधन तो हरेक व्यक्ति के पास होते हैं, मगर उनसे काम लेना और काम को अंजाम तक पहुंचाना बहुत जरूरी होता है।
दरिया – कविता जी आपने बिल्कुल सही कहा, लेकिन सफल होने के लिए क्या करना चाहिए ।
कविता – कोई कविता, गीत या गजल लिखने से पहले एक प्रभावशाली, सार्थक एवं आकर्षक विषय या शीर्षक का चयन करें, उसके बाद उसकी एक संक्षिप्त एवं सुन्दर रूपरेखा तैयार करें। अब उसको अन्तिम रूप प्रदान करें और उसमें सुर, लय, ताल और संगीत को उचित स्थान देकर उसे सजाएं और संवारें। एक बार लिखकर उसे प्रकाशित करने की भूल न करें, बल्कि उसे गुनगुनाने देखें और एक अच्छे आलोचक की तरह उसमें कमियां तलाश करें ताकि उसे अन्तिम रूप दिया जा सके। जब आप संतुष्ट हो जाएं तो उसे प्रकाशित करें या करवाएं। अधिकांश लोग उसे एक बार लिखकर ही प्रकाशित कर देते हैं वे यह नहीं देखते कि इसमें सुर संगीत के नजरिए से कितनी त्रुटियां हैं।
हरिया – हमने कई प्लेटफार्मों पर देखा है कि कुछ लोग सिर्फ दो या चार लाईनें लिखकर ही महान कवि, लेखक और शायर बनने की कोशिश में लगे रहते हैं, ऐसा क्यों।
कविता – हरिया भाई हर व्यक्ति की अपनी सोच और उसका दायरा अलग होता है औरते उसी में रहकर काम करते हैं उनकी सोच कुंए के मेंढ़क जैसी होती है, विशाल नदी, झरने या समुद्र की तरह नहीं होती, वे इसी में खुश रहते हैं।
दरिया – कविता जी कुछ लोग सवाल और जवाबों में उलझकर ही शायरी करते हैं, ऐसा क्यों।
कविता – उन्हें सुर और संगीत का ज्ञान नहीं होता या वे अपने चारों और विचारों का एक ऐसा दायरा बना लेते हैं, जिससे वे बाहर निकलना नहीं चाहते, वे सोचते हैं कि इस दायरे से बाहर निकले तो बहुत कष्ट झेलने पड़ सकते हैं, जो उन्हें मंजूर नहीं है। ऐसे दायरे को कम्फर्ट जोन कहते हैं। अगर सफलता हासिल करनी है तो इस जोन से बाहर आना ही होगा।
दरिया – कविता जी एक अच्छे लेखक, शायर और कवि में कौन-कौन से गुण होने चाहिए।
कविता – एक अच्छे लेखक, कवि और शायर में विषय की समझ और पकड़ रखने का हुनर होने के साथ-साथ उसमें, नया करने व सीखने की जिज्ञासा का होना, अच्छा श्रोता (सुनने) होने, हालात की समझ, दयालुता, सहानुभूति, ममता और सही व्याख्या करने, कल्पनाशीलता,तथा स्वंय के प्रति ईमानदार होने का गुण हो और अपनी भावनाओं की प्रस्तुति परभावी ढ़ग से करनी आनी चाहिए।
दरिया – हरिया भाई आज आप हमारे पाठकों के साथ कोई नाइंसाफी तो नहीं कर रहे हो।
हरिया – नहीं दरिया भाई ऐसा तो कोई इरादा नहीं है।
दरिया – तो आप हमारे पाठकों और श्रोताओं को कुछ सुना क्यों नहीं रहे हो।
हरिया – कविता जी की बातों में मैं अपनी शायरी तो करना ही भूल गया, लिजिए एक रचना पेश है-
खुदा कभी हम को जुदाई न दे
तेरी याद से मुझको रिहाई न दे
नहीं चाहिए मुझे जन्नत ऐसी
जहां तू मुझे कहीं दिखाई न दे
दरिया – वाह-वाह क्या मुक्तक पेश किया है हरिया भाई, मजा आ गया। कविता जी आपने हमारे पाठकों को इतनी सुन्दर जानकारी दी उसके लिए आपका बहुत-बहुत धन्यवाद।
- लेखराम यादव
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