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The Flower of WordThe Flower of Word by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

        

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Dastan-E-Shayra By Reena Kumari PrajapatDastan-E-Shayra By Reena Kumari Prajapat

कविता की खुँटी

                    

मोहब्बत की दुकान में मुशायरा भाग - 10

मोहब्बत की दुकान में मुशायरा भाग – 10

आजकल हर आदमी एक प्रसिध्द, प्रतिष्ठित कवि, लेखक, शायर, गीतकार, संगीतज्ञ, नेता और बिजनेसमैन बनना चाहता है, मगर हर आदमी देखते ही देखते सफलता की सारी सीढ़ियां चढ़ जाए यह बिल्कुल भी आवश्यक नहीं है। कुछ लोग एक अच्छा शायर,कवि और लेखक बनने के लिए जिन्दगी भर झूलते रहते हैं मगर एक प्रसिद्ध कवि, लेखक या शायर नहीं बन पाते। आज इसी विषय पर प्रकाश डालने के लिए मोहब्बत की दुकान में मुशायरा भाग-3 प्रस्तुत खुफिया जा रहा है। आशा है कि आपको पसन्द आएगा, अगर आपको पसन्द आया तो अपनी राय हमें अवश्य भेजें और अगर पसन्द नहीं आया तो भी यह लिखकर अपनी प्रतिक्रिया जरूर  भेजें कि आपको यह पसंद क्यों नहीं आया। आपकी सकारात्मक और नकारात्मक या आलोचनात्मक प्रतिक्रियाएं भी सादर आमंत्रित हैं, प्रतिक्रिया भेजने के लिए आपका बहुत-बहुत धन्यवाद एवं आभार।

दरिया और हरिया (दोनों एक साथ दरशकों एवं पाठकों को नमस्कार करते हुए) – सभी श्रोताओं और पाठकों को हमारी तरफ से प्यार भरा नमस्कार। दोस्तो आज हम इस विषय पर प्रकाश डालने जा रहे हैं कि एक सफल लेखक, कवि या शायर बनने के लिए क्या करना चाहिए। आओ आज का कार्यक्रम शुरू करते हैं।

दरिया – हरिया भाई आपको नमस्कार। आज हम इस मुशायरे को सफल बनाने के लिए एक मशहूर लेखिका, कवियित्री एवं शायरा जिनका नाम है कविता को आमंत्रित किया है, आईए कविता जी, इस मुशायरे में आपका हार्दिक स्वागत एवं अभिनन्दन है। दरिया और हरिया भाई आप दोनों के साथ-साथ सभी श्रोताओं और पाठकों को भी सादर नमस्कार।

दरिया - कविता जी, आप एक सफल एवं प्रतिष्ठित लेखका और शायरा हैं आप हमारे पाठकों को यह बताएं आपने अपने कार्य में सफलता कैसे हासिल की।

कविता – दरिया भाई आपको तो मालूम ही है कि हरेक काम में सफलता हासिल करने के लिए कड़ी मेहनत करनी पड़ती है, कड़ी मेहनत के साथ-साथ उस कार्य को करने के लिए स्वंय के प्रति ईमानदार और निष्ठावान होना जरूरी है और उस व्यक्ति में दृढ़ ईच्छा शक्ति,  सकारात्मक सोच और कल्पनाशीलता का होना जरूरी है।

हरिया – (बीच में टोकते हुए) मगर हमने तो सुना है कि लिखने के लिए कागज, कलम और सोचने की जरूरत होती है, इन चीजों का क्या काम।

कविता – देखिए हरिया भाई जिस तरह शरीर को उर्जा देने के लिए भोजन की जरूरत होती है उसी तरह से लिखने के लिए विचारों की जरूरत  होती है, कागज, कलम और सोच केवल एक साधन मात्र हैं, ठीक वैसे ही जैसे हाथ, मुंह और दांत खाना खाने और चबाने के साधन हैं। साधन तो हरेक व्यक्ति के पास होते हैं, मगर उनसे काम लेना और काम को अंजाम तक पहुंचाना बहुत जरूरी होता है।

दरिया – कविता जी आपने बिल्कुल सही कहा, लेकिन सफल होने के लिए क्या करना चाहिए ।

कविता – कोई कविता, गीत या गजल लिखने से पहले एक प्रभावशाली, सार्थक एवं आकर्षक विषय या शीर्षक का चयन करें, उसके बाद उसकी एक संक्षिप्त एवं सुन्दर रूपरेखा तैयार करें। अब उसको अन्तिम रूप प्रदान करें और उसमें सुर, लय, ताल और संगीत को उचित स्थान देकर उसे सजाएं और संवारें। एक बार लिखकर उसे प्रकाशित करने की भूल न करें, बल्कि उसे गुनगुनाने देखें और एक अच्छे आलोचक की तरह उसमें कमियां तलाश करें ताकि उसे अन्तिम रूप दिया जा सके। जब आप संतुष्ट हो जाएं तो उसे प्रकाशित करें या करवाएं। अधिकांश लोग उसे एक बार लिखकर ही प्रकाशित कर देते हैं वे यह नहीं देखते कि इसमें सुर संगीत के नजरिए से कितनी त्रुटियां हैं।

हरिया – हमने कई प्लेटफार्मों पर देखा है कि कुछ लोग  सिर्फ दो या चार लाईनें लिखकर ही महान कवि, लेखक और शायर बनने की कोशिश में लगे रहते हैं, ऐसा क्यों।

कविता – हरिया भाई हर व्यक्ति की अपनी सोच और उसका दायरा अलग होता है औरते उसी में रहकर काम करते हैं उनकी सोच कुंए के मेंढ़क जैसी होती है, विशाल नदी, झरने  या समुद्र की तरह नहीं होती, वे इसी में खुश रहते हैं।

दरिया – कविता जी कुछ लोग सवाल और जवाबों में उलझकर ही शायरी करते हैं, ऐसा क्यों।

कविता – उन्हें सुर और संगीत का ज्ञान नहीं होता या वे अपने चारों और विचारों का एक ऐसा दायरा बना लेते हैं, जिससे वे बाहर निकलना नहीं चाहते, वे सोचते हैं कि इस दायरे से बाहर निकले तो बहुत कष्ट झेलने पड़ सकते हैं, जो उन्हें मंजूर नहीं है। ऐसे दायरे को कम्फर्ट जोन कहते हैं। अगर सफलता हासिल करनी है तो इस जोन से बाहर आना ही होगा।

दरिया – कविता जी एक अच्छे लेखक, शायर और कवि में कौन-कौन से गुण होने चाहिए।

कविता – एक अच्छे लेखक, कवि और शायर में विषय की समझ और पकड़ रखने का हुनर होने के साथ-साथ उसमें, नया करने व सीखने की जिज्ञासा का होना, अच्छा श्रोता (सुनने) होने, हालात की समझ, दयालुता, सहानुभूति, ममता और सही व्याख्या करने, कल्पनाशीलता,तथा स्वंय के प्रति ईमानदार होने का गुण हो और अपनी भावनाओं की प्रस्तुति परभावी ढ़ग से करनी आनी चाहिए।

दरिया – हरिया भाई आज आप हमारे पाठकों के साथ कोई नाइंसाफी तो नहीं कर रहे हो।

हरिया – नहीं दरिया भाई ऐसा तो कोई इरादा नहीं है।

दरिया – तो आप हमारे पाठकों और श्रोताओं को कुछ सुना क्यों नहीं रहे हो।

हरिया – कविता जी की बातों में मैं अपनी शायरी तो करना ही भूल गया, लिजिए एक रचना पेश है-

खुदा कभी हम को जुदाई न दे

तेरी याद से मुझको रिहाई न दे

नहीं चाहिए मुझे जन्नत ऐसी

जहां तू मुझे कहीं दिखाई न दे

दरिया – वाह-वाह क्या मुक्तक पेश किया है हरिया भाई,  मजा आ गया। कविता जी आपने हमारे पाठकों को इतनी सुन्दर जानकारी दी उसके लिए आपका बहुत-बहुत धन्यवाद।

-     लेखराम यादव


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सर्वाधिकार अधीन है


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रचना के बारे में पाठकों की समीक्षाएं (9)

+

अशोक कुमार पचौरी 'आर्द्र' said

Suprabhaat Adarneey Sir ji 🙏🙏, bahut achha lekh Hariya Ji Aur Dariya ji ke madhyam se aapne Prastut kiya hai... Anusarneey Tathyon ko saamne rakha hai. Saadar Pranam 🙏🙏

Lekhram Yadav replied

सुप्रभात एवं धन्यवाद सहित सादर नमस्कार सर, बहुत दिनों के बाद आपकी उपस्थिति दर्ज हुई, यह देखकर खुशी हुई और हैरानी भी, क्योंकि मुझे कहीं भी आपकी प्रतिक्रिया नजर नहीं आ रही थी। प्रतिक्रिया के लिए आपका बहुत-बहुत धन्यवाद एवं आभार, ईश्वर आपको स्वस्थ एवं क्रियाशील रखे ताकि समय-समय पर आपका स्नेह प्राप्त होता रहे।

रीना कुमारी प्रजापत said

Nhi nahi... Meri wo rachna apke liye bilkul nhi hai, balki wo tab se 4 din pahle likhi gai thi... Ab meri rachna kahin na kahin puri tarah kisi situation par fit Beth jaati hai to ab kya karu? Mujhe wo rachna nhi dalni chahiye thi... Meri rachna se apko bura laga hai iske liye dil se kshama chahti hu... I am really sorry 🙏🙏🙏🙏

Lekhram Yadav replied

सुप्रभात एवं धन्यवाद सहित सादर नमस्कार मेरी प्यारी बहना, आपको क्षमा मांगने या सारी कहने की बिल्कुल भी जरूरत नहीं है और हम आपका दिल भी नहीं दुखाना चाहते इसलिए यही बेहतर है कि इस बात को यहीं छोड़ दें और आगे बढ़ जाएं। ईश्वर आपको हमेशा खुश रखे।

श्रेयसी said

Waah dil ki dukaan dekh chuki hun aaj mohabbat ki dukaan bhi padhungi fir bataaungi kaisa laga. Aapko suprabhat, saadar pranaam 🙏🙏

Lekhram Yadav replied

सुप्रभात एवं धन्यवाद सहित सादर नमस्कार मेरी प्यारी बहना, अपनी राय जरूर बताइयेगा की आपको यह भाग कैसा लगा आपका बहुत-बहुत धन्यवाद।

श्रेयसी said

वाह बहुत अच्छा है और बिल्कुल सही कहा आपने। क्या गज़ब इत्तफाक है आज मैं इस पर खड़ी उतरी । ये जानते हुए कि धोखा पुलिंग है फिर भी मुझसे गलतियांँ हुई है और इसीलिए मैं अब अपनी रचना नहीं डालूंगी क्यूंकि अभी मुझे और पढ़ना चाहिए। सादर 🙏🙏

Lekhram Yadav replied

अरे ओ मेरी प्यारी बहना, अगर इस तरह से हार जाओगी तो आगे कैसे बढ़ेगी और एक प्रतिष्ठित मुकाम कैसे हासिल करोगी। मैं सिर्फ आपकी मदद कर रहा हूं ताकि आप और अधिक सुन्दर विचारों के साथ अपनी प्रस्तुति पेश कर सको। जिस तरह बिना आलोचना के कोई भी व्यक्ति अपने अवगुणों को नहीं पहचान सकता, उसी तरह से आप भी अपनी कमियों को नहीं पकड़ पा रही हो। कमियों को दूर करने के लिए सही शब्दों का चयन करें और अपनी शब्दावली में इजाफा करें। जब एक बार आप सोचना शुरू करेंगी तो उसी तरह के शब्द अपने आप निकल आएंगे और खुद को उसी स्थिति में ले जाएं और सोचें अगर वहां आप ही हैं और आप खुद पर ही लिख रही हैं और ऐसे में क्या लिखना है। इस बात पर ध्यान दें तो आपकी रचना अपने आप निखर कर सामने आएगी। लेकिन प्लीज आप मेरी किसी बात का बुरा मत मानना, आपसे मेरी विनम्र प्रार्थना है। आपका बहुत-बहुत धन्यवाद।

श्रेयसी said

सादर प्रणाम 🙏🙏

Lekhram Yadav replied

आपको बहुत-बहुत धन्यवाद एवं सादर नमस्कार, मेरी प्यारी बहना।

श्रेयसी said

बुरा मानने का तो सवाल हीं नहीं है।आपको याद होगा मैंने खु़द हीं आपसे सलाह मांगी थी। आप ऐसे नहीं समझेंगे । बल्कि मैं खुश हूं कि मुझे समझने वाला कोई तो मिला। आपका मेल मिल नहीं रहा है।आप मेरे मेल पे फिर से Hi bhejen .

Lekhram Yadav replied

ओ के मैं फिर से भेजता हूं।

वन्दना सूद said

Sir,बहुत सुन्दर सीख के साथ tension भी हो गई 😊हम भी ऐसे ही लोगों में से एक हैं जो शब्दों से ही खेलते हैं सुर साज़ की कोई समझ नहीं है 🙏जो भी है बहुत सुन्दर लेखन

Lekhram Yadav replied

धन्यवाद सहित आपको सादर नमस्कार वन्दना जी, रोज देखता हूं कई रचनाकार रचनाएं तो भेज देते हैं लेकिन उन रचनाओं में सुर, लय, ताल और संगीत की कमी नजर आती है, मेरी इस पोस्ट को देखकर शायद वे अपनी रचनाओं उत्कृष्टता का भाव उत्पन्न कर दें और उनकी रचनाओं को पढ़ने का बेसब्री से सभी इन्तज़ार करें।

कमलकांत घिरी said

बहुत ही उचित रचना प्रस्तुत किए सर जी, मुझे लगता है कि ये रचना पाकर हम सभी लिखतु वाले कृतार्थ हो गए हैं, ऐसी सीख की जरूरत हर लिखने वाले रचनाकार को होती है और आपने ये सीख देकर बहुत ही नेक काम किए हैं🙌💐 आपको हृदय से धन्यवाद और सादर प्रणाम सर जी🙏

Lekhram Yadav replied

कमलकांत भाई आपका बहुत-बहुत धन्यवाद।

कमलकांत घिरी said

मुझे मेरी लेखन में त्रुटियां बताने वाला कोई नहीं सर जी और जैसे कि आपने कहा कि रचनाकार को अपनी त्रुटि स्पष्ट दिखाई नहीं देती तो ऐसे में आपसे विनम्र निवेदन है कि मेरी रचनाओं में आपको जब भी, ज़रा भी त्रुटि नज़र आए तो हमें अवगत कराएं और उन्हें कैसे सुधार सकते हैं ये भी बताएं🙏🙏 प्रणाम सर जी🙏

Lekhram Yadav replied

जरूर बताएंगे अगर आप अपनी कमियां जानना चाहते हैं, इस खूबसूरत आग्रह के लिए आपका बहुत-बहुत धन्यवाद।

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