Newहैशटैग ज़िन्दगी पुस्तक के बारे में updates यहाँ से जानें।

Newसभी पाठकों एवं रचनाकारों से विनम्र निवेदन है कि बागी बानी यूट्यूब चैनल को सब्सक्राइब करते हुए
उनके बेबाक एवं शानदार गानों को अवश्य सुनें - आपको पसंद आएं तो लाइक,शेयर एवं कमेंट करें Channel Link यहाँ है

Show your love with any amount — Keep Likhantu.com free, ad-free, and community-driven.

Show your love with any amount — Keep Likhantu.com free, ad-free, and community-driven.



The Flower of WordThe Flower of Word by Vedvyas Mishra The Flower of WordThe novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

        

Newहैशटैग ज़िन्दगी पुस्तक के बारे में updates यहाँ से जानें।

Newसभी पाठकों एवं रचनाकारों से विनम्र निवेदन है कि बागी बानी यूट्यूब चैनल को सब्सक्राइब करते हुए
उनके बेबाक एवं शानदार गानों को अवश्य सुनें - आपको पसंद आएं तो लाइक,शेयर एवं कमेंट करें Channel Link यहाँ है

The Flower of Word by Vedvyas MishraThe Flower of Word by Vedvyas Mishra
Dastan-E-Shayara By Reena Kumari Prajapat

Dastan-E-Shayara By Reena Kumari Prajapat

The novel 'Nevla' (The Mongoose), written by Vedvyas Mishra, presents a fierce character—Mangus Mama (Uncle Mongoose)—to highlight that the root cause of crime lies in the lack of willpower to properly uphold moral, judicial, and political systems...The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

                    

हमर छत्तीसगढ़

सुन मोर भ इया, रस्ता रेंग इया
मिल के करब गुनगान
हमर छत्तीसगढ़ हे महान

झांझ मंजीरा झनके रतिहा
रन बन रन बन होवत बिहिनिया
चारों ठहर खलिहान.….....हमर.…..

अजब-गजब इंहा तीजा पोरा
माटी इंहा के माई कस कोरा
छोटे बड़े सबों हें मितान...... हमर.…...

अरपा महानदी निरमल पानी
जेखर महिमा नहीं जाए बखानी
तीरीथ ज इसन चारों धाम......हमर..…

करिया हीरा हे धरती के भीतर
माई के लुगरा हे हरियर हरियर
धन धन हमर किसान......हमर.....

छत्तीसगढ़ के "समदिल" रह इया
आरती उतारंव संझा बिहिनिया
छूटय इंहेच मोर परान…...हमर.....
हमर छत्तीसगढ़ हे महान.........


यह रचना, रचनाकार के
सर्वाधिकार अधीन है


समीक्षा छोड़ने के लिए कृपया पहले रजिस्टर या लॉगिन करें

रचना के बारे में पाठकों की समीक्षाएं (10)

+

सुभाष कुमार यादव said

अतेक सुग्घर गीत बर, गाढ़ा-गाढ़ा बधाई समदिल जी।👌👌🙏

शिवचरण दास said

बहुत सुन्दर गीत. ..मनोज जी आपके समरस छत्तीसगढ़ हमर भी है

श्रेयसी said

वाह बहुत अच्छी भाषा बहुत सुंदर गीत बहुत ख़ूब 🙏🙏

मनोज कुमार सोनवानी "समदिल" said

श्रेयसी जी, शिवचरन जी, सुभाष जी हिरदे लेए धन्यवाद देवत हंव ।आप मन के समीक्षा अड़बड़ मीठ लागीस।

वन्दना सूद said

अति सुंदर 👌👌👏👏

मनोज कुमार सोनवानी "समदिल" said

वंदना जी धन्यवाद

सुप्रिया साहू said

हमर छत्तीसगढ़ के अतेक सुग्घर बखान करे हवव अपमान पढ़ के हिरदय ह गदगद होगे मनोज सर🥰, बहुतेच सुग्घर गीत लिखे हवव अपमान👌👌, आसा करथो आगू अऊ छत्तीसगढ़ी गीत संगीत सुने पढ़े ल मिलही, जय जोहर, जय छत्तीसगढ़ 🙏🙏।

मनोज कुमार सोनवानी "समदिल" said

सुप्रिया जी,आप मन ला मोर छत्तीसगढ़ी रचना बढ़िया लागिस, हिरदे ले धन्यवाद!! आने वाला समय आप मन ला अउ मोर छत्तीसगढ़ी भाखा मं कविता या गीत पढ़ें बर मिलही।जय जोहार।

अशोक कुमार पचौरी 'आर्द्र' said

वाह! क्या शानदार रचना है!
छत्तीसगढ़ी भाषा की मिठास, सांस्कृतिक सौंदर्य और मिट्टी की खुशबू हर पंक्ति में लहराती है।

"माटी इंहा के माई कस कोरा" — इस पंक्ति में जो अपनापन और सादगी झलकती है, वो सीधे दिल को छू जाती है।

आपने जिस खूबसूरती से झांझ, मंजीरा, तीजा-पोरा, अरपा-महानदी, और करिया हीरा का वर्णन किया है, वो छत्तीसगढ़ की आत्मा को शब्दों में उतार देने जैसा है।

कहना पड़ेगा — ये कविता नहीं, ये तो माटी से उठती सुगंध है।
बहुत खूब! बहुत सुंदर!! 🌾👏🌸
सादर प्रणाम आदरणीय सोनवानी सर जी

मनोज कुमार सोनवानी "समदिल" said

सर्वप्रिय अशोक जी, आपने मेरी रचना का आलिंगन किया। कविता के भावों को अपनी सांसों में महसूस किया। मुझे गर्व इस बात का ही कि मैं आप जैसी विद्वानों, सहृदयी मित्रों से अपनी कृति साझा करता हूं।आपका अपनापन पाकर मन अभिभूत हो जाता है।नये शब्दों की खोज में निकल पड़ता है। फिर से एक नयी रचना के लिए। तहेदिल से शुक्रिया जी।🌹🌹🌹🙏🙏

कविताएं - शायरी - ग़ज़ल श्रेणी में अन्य रचनाऐं




लिखन्तु डॉट कॉम देगा आपको और आपकी रचनाओं को एक नया मुकाम - आप कविता, ग़ज़ल, शायरी, श्लोक, संस्कृत गीत, वास्तविक कहानियां, काल्पनिक कहानियां, कॉमिक्स, हाइकू कविता इत्यादि को हिंदी, संस्कृत, बांग्ला, उर्दू, इंग्लिश, सिंधी या अन्य किसी भाषा में भी likhantuofficial@gmail.com पर भेज सकते हैं।


लिखते रहिये, पढ़ते रहिये - लिखन्तु डॉट कॉम


LIKHANTU DOT COM © 2017 - 2025 लिखन्तु डॉट कॉम
Designed, Developed, Maintained & Powered By HTTPS://LETSWRITE.IN
Verified by:
Verified by Scam Adviser
   
Support Our Investors ABOUT US Feedback & Business रचना भेजें रजिस्टर लॉगिन