हारना आसान जीतना कठिन समझने वाले।
अकेले होंगे भीड़ में अन्जाम भुगतने वाले।।
हवा का रुख देखकर हल्के लोग उड़ जाते।
भारी होते विचारशील भविष्य जानने वाले।।
दुख बिन बुलाए मेहमान की तरह बस जाते।
जिन्दगी को नर्क बनाते वितर्क करने वाले।।
नफरत बढ़ना लाजमी प्रेम में धोका खाकर।
अंधेरे में बैठे 'उपदेश' रोशनी में रहने वाले।।
- उपदेश कुमार शाक्यवार 'उपदेश'
गाजियाबाद