कापीराइट गजल
यह जख्म मेरे दिल में जब उभर जाएंगे
तेरी मोहब्बत में हम, हद से गुजर जाएंगे
इश्क तुम से है कितना ये न पूछो सनम
गम के दरिया में तेरे लिए उतर जाएंगे
हमें मिल जाती हर खुशी पा कर तुमको
अगर मिले न तुम तो हम किधर जाएंगे
अभी जिन्दा हैं हम तुमसे मिलने के लिए
सितम किए जो तुमने तो हम मर जाएंगे
यह जख्म भरने में, अभी वक्त हो बाकी
जख्म और मिले अगर तो
किधर जाएंगे
गर हो गए रुखसत तो उदास मत होना
अश्क आंखों में तुम्हारी ये उभर आएंगे
अगर प्यार तेरा हमको नहीं मिला यादव
ये हसरत लिए दिल में हम गुजर जाएंगे
- लेखराम यादव
( मौलिक रचना )
सर्वाधिकार अधीन है

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



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