तेरी अदाओं में छिपी एक अद्भुत छाया,
जैसे ब्रह्माण्ड की गहराई में बसी कोई माया।
तेरी आँखों का सम्मोहन, अद्वितीय व आकर्षक,
हर दृष्टि में निहित, प्रेम का अनुपम अंकुरण अति पवित्र।
तेरे हँसने का स्वभाव, अनुपम, अप्रतिम,
जैसे शीतल पवन की शीतलता हो, हो अलौकिक निर्मल।
तू है आकाश की नक्षत्रमाला, विचित्र, विस्तृत,
जहाँ चाँद भी सशर्म होकर, तुझसे पूछे अपना रहस्य विलक्षण।
तेरी मुस्कान में बसी है, सुख की अनमोल धारा,
जो चीर देती है जीवन के अंधकार को, जैसे सूर्य का प्रकाश।
तेरे संग की हर क्षण की यात्रा, अनुपम यात्रा,
जैसे स्वर्ग की सीढ़ियाँ, जिनका हर कदम हमें दिखाए नया सवेरा।
तू है एक दिव्य कविता, जिसे शब्द नहीं पकड़ सकते,
तेरे अस्तित्व में बसी है वह प्रेम, जो अनंतकाल तक जीवित रहेगा।