हैं तन्हा सभी मगर मानता कोई कोई।
नफरतो से घिरा ये जानता कोई कोई।।
मन के दरवाज़े खटकाने की कोशिश।
हरेक पडाव पर की मानता कोई कोई।।
मौज-मस्ती करने के लिए मौका नही।
जमाने डर सता रहा मानता कोई कोई।।
थक-हार कर जिम्मेदारियो में 'उपदेश'।
काट रहा जिन्दगी ये मानता कोई कोई।।