दूसरे की सफलता पर जो 'वाह वाह' हम लिखते हैं, वो हमारी अंदरूनी जलन का सबसे ईमानदार सबूत होता है।"
"असल में हम इतने व्यस्त नहीं हैं; बस व्यस्त दिखने में इतने व्यस्त हैं कि असली काम का वक्त ही नहीं मिलता।"
"जब तक ज्ञान दूसरे को सुनाने के काम आता है, तब तक वो बहुत ज़रूरी लगता है। खुद पर लागू करने की बारी आए तो, ज्ञान भी असुविधाजनक हो जाता है।"
"हमें पैसा इसलिए चाहिए ताकि हम उन चीज़ों को ख़रीद सकें, जिन्हें ख़रीदने के बाद हमें एहसास होता है कि अब भी हम ख़ुश नहीं हैं।"
"सबसे बेहतरीन सलाह वो होती है, जो हम दूसरों को देते हैं और जिसका उपयोग हम खुद अपने जीवन में कभी नहीं करेंगे।"
"हमारे मन को शांति तभी मिलती है, जब हमें पता चलता है कि पड़ोसी भी उतना ही परेशान है, जितना हम।"
"नैतिकता एक ऐसी जैकेट है जिसे हम ऑनलाइन तब पहनते हैं, जब हमें लगता है कि कोई देख रहा है—अकेले में ये गरम लगती है।"
"इज्जत नहीं चाहिए साहेब, बस सामने वाले के मन में इतना डर हो कि वो विरोध न कर सके।"
"आज़ाद होने का सबसे बड़ा नुकसान यह है कि अब असफलता के लिए सरकार को दोष नहीं दे सकते।"
"हम सोशल मीडिया पर शांति और साहित्य की बातें करते हैं, जबकि मन ही मन इंतज़ार करते हैं कि दूसरे की नई पोस्ट पर कब कोई विवाद शुरू हो।"

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



The Flower of Word by Vedvyas Mishra




