थोड़ी ही सही बात की असर तो देखो
बढ़ता जा रहा जहर जुबान तो देखो
पल-पल उजड़ जाते हे रेत के घर
फिर बना लेते हे बच्चो की जिद तो देखो
दर-दर महोल्ले में भटकते रहेते हम
बहेके हुये हमारे अरमान तो देखो
जब लौटकर आयेंगे शाम को परिंदे
उनके बच्चो की खिलखिलाहट तो देखो
जिन्हे ढूंढते ते थे वो हमारे पास से निकले
नकाब ओढ़ लीया उनका अंदाज तो देखो
के बी सोपारीवाला

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



The Flower of Word by Vedvyas Mishra




