प्रकृति है अनमोल रतन,
आओ हम सब मिलकर करे इसका जतन ll
प्रकृति है अनमोल धरोहर,
वरदान है परम परमेश्वर का l
उगता सूरज खिलती सुबह,
मां का फूल हर उपवन का ll
शीतल हवा के मदमाते झोके ,
उत्साह बढ़ाये जीवन का ll
नदियां, पर्वत, बादल, सागर,
अद्भुत मेल रहस्यों का l
हर दिन दिखलाये नया रूप,
जैसे कोई चित्र बहुरंगों का ll
प्रकृति की महिमा को,
संकल्प करें ऊंचा करने काl
अधिक वृक्ष चाहुओर लगाकर,
सम्मान करें प्रकृति के जीवन धन का ll
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आलोक कुमार गुप्ता