गाँव का पनघट,
पनघट में पनिहारिन,
पनिहारिन की पायल,
पायल की रुनझुन,
रुनझुन में संगीत,
मेरे मन का गीत।
गाँव का तालाब,
तालाब का पीपल,
पीपल की डाली,
डाली की लचक,
लचक के साथ मीत,
मेरे मन का गीत।
गाँव का स्कूल,
स्कूल में पेड़,
पेड़ की छाँव,
छाँव तले मस्ती,
मस्ती से हर्षित,
मेरे मन का गीत।
🖊️सुभाष कुमार यादव