रिश्ते अजीज मगर तपता मन
तरह-तरह की तृष्णा से हुई अनमन
अपराध यहाँ पर नही किसी का
बढ़ी जरूरत ने खाली किया आँगन
सकरी गालियों के अपने ही माने
चौड़ी गालियों का राज छुपाना मुश्किल
उम्मीदों के साये में इंतजार करते
थके हुए रिश्ते बैठे चाहते बखूबी दखल
जिन अधरों से कभी फूल झरते
वही मुरझाए से नजर मिलाने से कटते
प्रेम समुन्दर सूख गया 'उपदेश'
प्यासे अंजुरी भर को हम सभी तरसते
- उपदेश कुमार शाक्यावार 'उपदेश'
गाजियाबाद

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



The Flower of Word by Vedvyas Mishra




