आशा जगा कर किस तरह बदल गया।
रोज़गार चौपट कर किस्मत बदल गया।।
गरीबो को भी मिलेगी मोहब्बत सत्ता से।
धर्म की घुट्टी पिलाकर रिवायत बदल गया।।
मैं ऐसा था और वैसा था कुछ भी कहता।
खुद को काफिर कहकर चाहत बदल गया।।
यों तो बदला बहुत कुछ कमियाँ लाख रही।
झूठा झूठ बोलने की इमारत बदल गया।।
हटना नही चाहता मगर करे क्या 'उपदेश'।
नियम कायदों की कई इबारत बदल गया।।
- उपदेश कुमार शाक्यावार 'उपदेश'
गाजियाबाद

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



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